भारत सरकार जल्द ही देश के युवाओं के लिए एक महत्वाकांक्षी इंटर्नशिप योजना शुरू करने जा रही है। यह योजना न केवल युवाओं को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगी, बल्कि उनके लिए आर्थिक सहायता का भी स्रोत बनेगी। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित इस योजना का मुख्य उद्देश्य 21 से 24 वर्ष की आयु के युवाओं को कॉर्पोरेट जगत का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है, जिससे उन्हें भविष्य में नौकरी पाने में सुविधा हो।
इस योजना के तहत, प्रत्येक इंटर्न को 5,000 रुपये का मासिक स्टाइपेंड दिया जाएगा, जिसमें से 4,500 रुपये सरकार द्वारा और 500 रुपये कंपनी के CSR फंड से प्रदान किए जाएंगे। योजना का लाभ केवल उन युवाओं को मिलेगा जिनके परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि योजना का लाभ वास्तव में जरूरतमंद युवाओं तक पहुंचे।
इंटर्नशिप योजना क्या है?
कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय (MCA) जल्द ही इस योजना के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी करने वाला है। इन दिशानिर्देशों के अगले सप्ताह तक जारी होने की संभावना है। साथ ही, युवाओं के लिए एक विशेष इंटर्नशिप पोर्टल भी लॉन्च किया जाएगा, जो इस योजना के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह पोर्टल युवाओं और कंपनियों के बीच एक सेतु का काम करेगा, जिससे इंटर्नशिप की प्रक्रिया सुगम और पारदर्शी हो सकेगी।
यह योजना कई मायनों में महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, यह युवाओं की रोजगार क्षमता में वृद्धि करेगी। कॉर्पोरेट वातावरण में काम करने का अनुभव उन्हें भविष्य में नौकरी पाने में मदद करेगा। दूसरा, मासिक स्टाइपेंड युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा, जो उनके आत्मविश्वास और स्वतंत्रता को बढ़ावा देगा। तीसरा, इस अनुभव के माध्यम से युवा विभिन्न व्यावसायिक कौशलों का विकास कर सकेंगे, जो उनके करियर के लिए लाभदायक होंगे।
इसके अलावा, यह योजना उद्योग और शैक्षणिक क्षेत्र के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम करेगी। इससे शैक्षणिक संस्थानों को अपने पाठ्यक्रमों को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप ढालने में मदद मिलेगी, जबकि उद्योगों को प्रतिभाशाली युवाओं तक पहुंच प्राप्त होगी।
केंद्र सरकार की यह इंटर्नशिप योजना भारत के युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर है। यह न केवल उनके कौशल विकास में मदद करेगी, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी सहायता प्रदान करेगी। इस योजना के सफल क्रियान्वयन से भारत के युवाओं की रोजगार क्षमता में वृद्धि होने की उम्मीद है, जो देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह पहल न केवल युवाओं के लिए लाभदायक होगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और उद्योग जगत के लिए भी एक नया अध्याय खोलेगी।