ओडिशा सरकार ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना ‘सुभद्रा योजना’ की घोषणा की है। यह योजना राज्य की एक करोड़ से अधिक महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखती है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सुभद्रा योजना के तहत, 21 से 60 वर्ष की आयु की पात्र महिलाओं को पांच वर्षों तक प्रति वर्ष 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह राशि दो किस्तों में दी जाएगी – रक्षा बंधन और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर। सरकार ने इस योजना के लिए 55,825 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जो इसकी व्यापकता और महत्व को दर्शाता है।
योजना का एक अनूठा पहलू ‘सुभद्रा डेबिट कार्ड’ है, जो लाभार्थियों को डिजिटल लेनदेन में सक्षम बनाएगा। सरकार डिजिटल साक्षरता को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय में सबसे अधिक डिजिटल लेनदेन करने वाली शीर्ष 100 महिलाओं को 500 रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन देगी। यह कदम न केवल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगा, बल्कि महिलाओं को डिजिटल अर्थव्यवस्था में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित भी करेगा।
हालांकि योजना का लक्ष्य व्यापक है, कुछ श्रेणियां इससे बाहर रखी गई हैं। इनमें आर्थिक रूप से समृद्ध परिवारों की महिलाएँ, सरकारी कर्मचारी, करदाता, और वे लोग शामिल हैं जो पहले से ही अन्य सरकारी योजनाओं के तहत 1,500 रुपये या उससे अधिक मासिक राशि प्राप्त कर रहे हैं। पात्र महिलाएं आंगनवाड़ी केंद्रों, ब्लॉक कार्यालयों, मो-सेवा केंद्रों और जन सेवा केंद्रों से निःशुल्क आवेदन पत्र प्राप्त कर सकती हैं।
सुभद्रा योजना का उद्देश्य ओडिशा में महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देना है। प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान करके, यह योजना महिलाओं को अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने और बेहतर वित्तीय निर्णय लेने में सक्षम बनाएगी। इसके अलावा, डिजिटल साक्षरता पर जोर देने से महिलाओं को आधुनिक अर्थव्यवस्था में बेहतर ढंग से एकीकृत होने में मदद मिलेगी।
17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर शुरू होने वाली यह योजना, ओडिशा में भाजपा सरकार के एक प्रमुख चुनावी वादे को पूरा करती है। इसे राज्य में महिला मतदाताओं का समर्थन हासिल करने के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
सुभद्रा योजना ओडिशा में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी, बल्कि उन्हें डिजिटल युग में सक्षम भी बनाएगी। इस योजना के सफल कार्यान्वयन से न केवल ओडिशा की महिलाओं का जीवन स्तर सुधरेगा, बल्कि यह अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल बन सकता है, जो देश भर में महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को नई दिशा दे सकता है।