त्योहार और शादी के सीजन में सोना करेगा ऊंची उड़ान, बना सकता है नया रिकॉर्ड, Gold Prices in September

भारत में त्योहारों और शादियों का मौसम आते ही सोने की कीमतों में नई ऊंचाइयों की संभावना बढ़ गई है। यह न केवल एक आर्थिक घटना है, बल्कि भारतीय संस्कृति में सोने के गहरे महत्व को भी दर्शाती है। आइए इस रुझान के पीछे के कारणों और इसके प्रभावों पर एक नज़र डालें।

भारतीय समाज में सोना केवल एक निवेश नहीं, बल्कि समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है। त्योहारी सीजन, विशेष रूप से देवउठनी एकादशी तक, सोने की खरीद में पारंपरिक रूप से वृद्धि देखी जाती है। इस वर्ष, धनतेरस पर रिकॉर्ड बिक्री की उम्मीद है। 7 सितंबर, 2024 तक, दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत 73,020 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई थी।

सोने की कीमतों में वृद्धि केवल घरेलू मांग से प्रेरित नहीं है। वैश्विक संघर्ष, केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार सोने की खरीद, और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अनिश्चितता ने भी इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये कारक भारत में सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में और अधिक आकर्षक बना रहे हैं।

यह भी पढ़े:
IRCTC Train Ticket Booking 2024: How to Protect Your Confirmed Ticket Whilst Booking Online

कामा ज्वैलरी के एमडी कॉलिन शाह का मानना है कि बजट के बाद कीमतों में आई अस्थायी कमी अब समाप्त हो गई है। वे आने वाले महीनों में आभूषणों की मांग में वृद्धि की उम्मीद करते हैं, जो कीमतों को और बढ़ा सकती है।

पीएल वेल्थ मैनेजमेंट के शशांक पॉल का अनुमान है कि अगले दो सप्ताहों में सोने की कीमतों में 1% की वृद्धि हो सकती है, जो आगामी तीन महीनों में और तेज हो सकती है। वे इस वृद्धि का श्रेय वैश्विक संकटों, घरेलू मांग और डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में उतार-चढ़ाव को देते हैं।

केवल सोना ही नहीं, चांदी की कीमतों में भी वृद्धि की उम्मीद है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले 15 दिनों में चांदी की कीमतों में 0.5% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। यह दोनों कीमती धातुओं में समानांतर वृद्धि भारतीय बाजार में मजबूत मांग को दर्शाती है।

यह भी पढ़े:
e-PAN कार्ड के लिए अप्लाई करें, 2 मिनट में फ्री में पाएं पैन कार्ड

इस तेजी का असर निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों पर पड़ेगा। जहां निवेशक इसे एक लाभदायक अवसर के रूप में देख सकते हैं, वहीं उपभोक्ताओं को अपनी खरीदारी की योजना सावधानी से बनानी होगी। त्योहारों और शादियों के मौसम में बढ़ती कीमतें कुछ लोगों के लिए चुनौती बन सकती हैं।

भारत में सोने की कीमतों में यह वृद्धि केवल एक आर्थिक घटना नहीं है। यह हमारी संस्कृति, परंपराओं और वैश्विक अर्थव्यवस्था के बीच जटिल संबंधों को दर्शाती है। आने वाले महीनों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे बाजार इन विभिन्न कारकों के बीच संतुलन बनाता है, और कैसे भारतीय उपभोक्ता और निवेशक इस स्थिति का सामना करते हैं।

यह भी पढ़े:
40,000 का लोन लेना है? यहां से जानें आवेदन करने का सही तरीका

Leave a Comment