23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी को 15% से घटाकर 6% करने की घोषणा की। यह कदम ज्वेलरी उद्योग के लिए वरदान साबित हुआ है। इस फैसले के बाद सोने की कीमतों में तेजी से गिरावट आई, जिससे उपभोक्ताओं की खरीदारी बढ़ी।
सोने की कीमतों में गिरावट का असर
बजट के तुरंत बाद, सोने की कीमत में लगभग 4,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट देखी गई। जो कीमत पहले 74,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर थी, वह घटकर 67,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस-पास आ गई। हालांकि अगस्त में कीमतों में थोड़ी बढ़ोतरी हुई, फिर भी यह अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से नीचे ही रही।
क्रिसिल की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में ज्वेलर्स के राजस्व में 22 से 25 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। यह अनुमान पहले के 17-19 प्रतिशत के पूर्वानुमान से काफी अधिक है। कस्टम ड्यूटी में कटौती के कारण सोने की कीमतों में गिरावट आई, जिससे मांग में वृद्धि हुई है।
शादी और त्योहार के मौसम की तैयारी
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यह कटौती ज्वेलरी उद्योग के लिए सही समय पर आई है। शादी और त्योहार के मौसम की तैयारी के दौरान सोने की कम कीमतें रिटेलर्स को अपने स्टॉक में 5 प्रतिशत तक की वृद्धि करने का अवसर प्रदान कर रही हैं। इससे आने वाले समय में उनके लाभ में वृद्धि की संभावना है।
हालांकि सोने की कीमतों में अचानक गिरावट से मौजूदा स्टॉक पर कुछ नुकसान हो सकता है, लेकिन बढ़ती मांग से इसकी भरपाई होने की उम्मीद है। वर्तमान में, 24 कैरेट सोने की कीमत लगभग 71,380 रुपये प्रति 10 ग्राम है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है, जो ज्वेलर्स के लिए फायदेमंद साबित होगी।
निष्कर्षतः, सरकार द्वारा की गई कस्टम ड्यूटी में कटौती ने ज्वेलरी उद्योग को नई ऊर्जा प्रदान की है। सोने की कीमतों में गिरावट से न केवल उपभोक्ताओं को लाभ मिला है, बल्कि ज्वेलर्स के व्यवसाय में भी तेजी आई है। आने वाले त्योहार और शादी के मौसम में इस प्रवृत्ति के जारी रहने की उम्मीद है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है।