1985 के एक रुपये के सिक्के को लेकर कई तरह की अफवाहें और दावे सोशल मीडिया पर चल रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि इस सिक्के के मालिक लाखों रुपये कमा सकते हैं। लेकिन क्या यह सच है? आइए जानते हैं इस सिक्के के बारे में विस्तार से और समझते हैं कि वास्तव में क्या मूल्यवान है।
1985 के एक रुपये के सिक्के की विशेषताएं
1985 का एक रुपये का सिक्का भारत के सभी टकसालों में और कुछ विदेशी टकसालों में भी जारी किया गया था। यह डिजाइन 1982 से चलन में था और इन कोइन्स को आखिरी बार साल 1991 में बनाया गया था। इनको फेरिटिक स्टेनलेस स्टील से बनाया था। इनके अगर वजन की बात करें तो वह 4.85 ग्राम था।
इन सिक्कों पर एक तरफ मक्के की बालियां और दूसरी तरफ अशोक स्तंभ देखा जा सकता है। इन पर हिंदी और अंग्रेजी में ‘इंडिया’ लिखा हुआ है। यह सिक्का भारत के चारों टकसालों के साथ-साथ ब्रिटेन के लैंट्रिसेंट और हीटन टकसाल में भी बनाया गया था।
‘H’ मार्क वाले सिक्के का सच
कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ‘H’ मार्क वाला 1985 का एक रुपये का सिक्का 2.5 लाख रुपये में बिक सकता है। लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं है। वास्तव में, 1985 के एक रुपये के सिक्के दुर्लभ नहीं हैं, और ‘H’ मार्क वाले सिक्के भी बहुत आम हैं। इसलिए ये सिक्के आपको लाखों रुपये कमाने में मदद नहीं करेंगे।
जो सिक्का 2.5 लाख रुपये में नीलाम हुआ था, वह एक विशेष प्रकार का था। यह एक ‘ट्रायल OMS कॉइन’ था, जो सार्वजनिक चलन के लिए जारी नहीं किया गया था। OMS का मतलब है ‘ऑफ मेटल स्ट्राइक’, जो तब होता है जब एक सिक्का सामान्य से अलग धातु का उपयोग करके बनाया जाता है।
नीलामी में बिका 1985 का OMS एक रुपये का सिक्का केवल तांबे से बना था, जबकि अन्य सामान्य 1985 के सिक्के तांबे-निकल के मिश्रण से बने थे। यही कारण है कि यह सिक्का इतना मूल्यवान था।
यदि आपके पास वास्तव में यह दुर्लभ OMS सिक्का है, तो आप इसे ऑनलाइन बेच सकते हैं। Indiancoinmill.com जैसी वेबसाइटें दुर्लभ और पुराने नोट और सिक्के बेचने के लिए एक मुफ्त प्लेटफॉर्म प्रदान करती हैं। आपको बस वेबसाइट पर अपना विज्ञापन लगाना होगा और इच्छुक ग्राहक आपसे ईमेल द्वारा संपर्क करेंगे।
1985 के एक रुपये के सिक्के के बारे में फैली भ्रांतियों को समझना महत्वपूर्ण है। हालांकि अधिकांश सामान्य सिक्के बहुत मूल्यवान नहीं हैं, कुछ विशेष संस्करण वास्तव में काफी कीमती हो सकते हैं। यदि आपके पास कोई पुराना सिक्का है, तो उसकी विशेषताओं की जांच करना और उसके वास्तविक मूल्य का पता लगाना सुनिश्चित करें।