त्योहारी सीजन के नजदीक आने के साथ, भारतीय बाजार में सोने की कीमतों में महत्वपूर्ण वृद्धि की उम्मीद है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि दिवाली 2024 तक सोने की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हो सकती है। यह संभावित वृद्धि विभिन्न आर्थिक कारकों और मौसमी मांग के प्रभाव के बाद आ रही है।
वर्तमान बाजार स्थिति
वर्तमान में, सोने की कीमतें ₹70,000 प्रति 10 ग्राम के आसपास स्थिर हैं, जबकि चांदी लगभग ₹81,000 प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही है। ये दरें केंद्रीय बजट में सीमा शुल्क हटाने के बाद गिरावट की अवधि के बाद स्थिर हुई हैं। हालांकि, बाजार में रिकवरी के संकेत दिखाई दे रहे हैं, जो आगामी त्योहारी सीजन के लिए अनुकूल परिस्थितियां तैयार कर रहे हैं।
कीमतों पर इन कारणों से असर पड़ता है
सोने की कीमतों में तेजी के पूर्वानुमान को कई प्रमुख कारक प्रभावित कर रहे हैं:
1. दिवाली और आगामी शादी के सीजन के कारण मांग में वृद्धि
2. त्योहारी सीजन की प्रत्याशा में सोने के आयात में संभावित बढ़ोतरी
3. वैश्विक स्तर पर, अमेरिकी ब्याज दरों में संभावित कमी
4. चल रहे भू-राजनीतिक तनाव
5. केंद्रीय बैंकों द्वारा निरंतर सोने की खरीद
विशेषज्ञों का पूर्वानुमान
बाजार विशेषज्ञ आशावादी हैं और उनका अनुमान है कि दिवाली तक 10 ग्राम सोने की कीमत ₹75,000 तक पहुंच सकती है। यह पूर्वानुमान अगस्त से अक्टूबर के बीच त्योहारी सीजन के दौरान मांग में अपेक्षित वृद्धि और वैश्विक आर्थिक कारकों पर आधारित है।
निवेश परिप्रेक्ष्य
मौजूदा आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण सोना एक आकर्षक निवेश विकल्प बन गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में निरंतर वृद्धि के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं। इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे अमेरिका में ब्याज दरों में कमी की संभावना, जारी भू-राजनीतिक तनाव, और अनिश्चितता के समय में सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की स्थिति।
महत्वपूर्ण तिथियाँ
निवेशकों और उपभोक्ताओं को निम्नलिखित आगामी त्योहारों और शुभ तिथियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए:
- रक्षा बंधन: 19 अगस्त
- जन्माष्टमी: 26 अगस्त
- गणेश चतुर्थी: 7 सितंबर
- दशहरा: 12 अक्टूबर
- धनतेरस: 29 अक्टूबर
- दिवाली: 1 नवंबर
इसके अलावा, नवंबर और दिसंबर में कई विवाह मुहूर्त होने से सोने की मांग में और वृद्धि होने की संभावना है।
जैसे-जैसे त्योहारों का मौसम नजदीक आ रहा है, बाजार विशेषज्ञ इन रुझानों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। निवेशकों और खरीदारों को इन संभावित मूल्य वृद्धियों को ध्यान में रखते हुए अपनी खरीदारी की योजना बनानी चाहिए। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि बाजार की स्थितियाँ अप्रत्याशित हो सकती हैं, इसलिए सावधानीपूर्वक निर्णय लेना और विविध निवेश रणनीति अपनाना बुद्धिमानी होगी।