Big news for Sukanya Samriddhi: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने हाल ही में छोटी बचत योजनाओं के लिए कुछ नए नियम जारी किए हैं। ये नियम राष्ट्रीय बचत योजना, सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) और सुकन्या समृद्धि अकाउंट से संबंधित हैं। आइए सुकन्या समृद्धि अकाउंट के नए नियमों पर विशेष ध्यान देते हैं।
सुकन्या समृद्धि अकाउंट के नए नियम
अब, यदि दादा-दादी (जो कानूनी अभिभावक नहीं हैं) की संरक्षकता में खाता खोला गया है, तो यह संरक्षकता कानून के अनुसार हकदार व्यक्ति को हस्तांतरित की जाएगी। यह व्यक्ति या तो प्राकृतिक अभिभावक (जीवित माता-पिता) या कानूनी अभिभावक हो सकता है।
यदि एक परिवार में दो से अधिक खाते खोले जाते हैं, जो कि सुकन्या समृद्धि खाता योजना, 2019 के नियमों का उल्लंघन है, तो इन अतिरिक्त खातों को बंद कर दिया जाएगा।
योजना की मुख्य विशेषताए
सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के लिए एक विशेष बचत योजना है। इस योजना में जमा राशि पर 8.2 प्रतिशत की आकर्षक ब्याज दर मिलती है। यह योजना आयकर अधिनियम की धारा 80सी के अंतर्गत पूरी तरह से कर मुक्त है। यानी, इस योजना में किया गया निवेश आपके कर योग्य आय से घटाया जा सकता है।
एक वित्तीय वर्ष में आप न्यूनतम 250 रुपये से लेकर अधिकतम 1,50,000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं। ध्यान रहे, यदि किसी वर्ष में आप न्यूनतम 250 रुपये जमा नहीं करते हैं, तो 50 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
निवेश और अवधि का पूरा होना
खाता खोलने की तिथि से 14 वर्ष तक आप इस खाते में राशि जमा कर सकते हैं। खाता खोलने की तिथि से 21 वर्ष पूरे होने पर खाता परिपक्व हो जाएगा। हालांकि, यदि खाताधारक का विवाह 21 वर्ष की उम्र से पहले हो जाता है, तो शादी की तिथि के बाद खाते का संचालन नहीं किया जा सकेगा।
उच्च शिक्षा और विवाह के लिए खाते से आंशिक राशि निकालने की सुविधा भी उपलब्ध है।
सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के उज्जवल भविष्य के लिए एक बेहतरीन निवेश विकल्प है। नए नियमों के साथ, यह योजना और अधिक पारदर्शी और नियंत्रित हो गई है। अगर आप अपनी बेटी के लिए लंबी अवधि का निवेश करना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए उपयुक्त हो सकती है। हमेशा याद रखें कि किसी भी निवेश निर्णय से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना अच्छा रहता है।