केंद्र सरकार द्वारा लखपति दीदी योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम बन गई है। इस योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार स्थापना के लिए पांच लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाता है, जो उनके जीवन को नई दिशा देने में मददगार साबित हो रहा है।
हाल ही में राजस्थान सरकार ने अपने बजट 2024-25 में इस योजना के दायरे को और व्यापक बनाया है। पहले जहां राज्य में पांच लाख लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य था, वहीं अब इसे बढ़ाकर पंद्रह लाख कर दिया गया है। यह कदम राज्य में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी छलांग साबित होगी।
Lakhpati Didi Yojana में दी जाएगी ट्रेनिंग
योजना के तहत महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण, प्लंबिंग कार्य, और एलईडी बल्ब निर्माण जैसे विविध कौशल शामिल हैं। यह प्रशिक्षण निःशुल्क प्रदान किया जाता है, जो महिलाओं को नए अवसरों की ओर अग्रसर करता है।
यह योजना विशेष रूप से स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी महिलाओं के लिए है। इन समूहों के माध्यम से महिलाएं न केवल आर्थिक गतिविधियों में संलग्न होती हैं, बल्कि एक-दूसरे को सहयोग और प्रोत्साहन भी प्रदान करती हैं। इस सामूहिक शक्ति का उपयोग करते हुए वे अपने परिवार और समाज में एक नई पहचान स्थापित कर रही हैं।
लखपति दीदी की नई परिभाषा
इस योजना में लखपति दीदी की अवधारणा केवल आर्थिक आय तक सीमित नहीं है। एक लखपति दीदी वह है जो न केवल वित्तीय रूप से स्वतंत्र है, बल्कि समाज और राज्य के विकास में भी सक्रिय भूमिका निभाती है। सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक देश भर में तीन करोड़ महिलाएं इस श्रेणी में शामिल हों।
योजना में शामिल होने के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। आवश्यक दस्तावेजों के साथ महिलाएं ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि योजना का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचे और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए।