अक्टूबर का महीना शुरू होते ही ईंधन की कीमतों ने एक बार फिर लोगों का ध्यान खींचा है। गैस सिलेंडर, पेट्रोल और डीजल की नई कीमतें सामने आई हैं, जो हर किसी के लिए चिंता का विषय हैं। आइए जानें इन कीमतों के बारे में विस्तार से और समझें कि इनका हमारे रोजमर्रा के जीवन पर क्या असर पड़ता है।
घर की रसोई का सबसे जरूरी साथी है गैस सिलेंडर। सितंबर 2024 में इसकी कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। दिल्ली में एक घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 803 रुपये है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि अलग-अलग शहरों में इसकी कीमत अलग-अलग है। जैसे मुंबई में यह 1102.50 रुपये है, तो पटना में 1201 रुपये। यह अंतर मुख्य रूप से स्थानीय करों और ढुलाई के खर्च के कारण होता है।
रोज सड़क पर चलने वाले वाहनों के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतें बेहद महत्वपूर्ण हैं। 26 सितंबर 2024 को दिल्ली में पेट्रोल 94.76 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.66 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। यहां भी शहर-दर-शहर कीमतों में फर्क है। मुंबई में पेट्रोल 103.43 रुपये और डीजल 89.95 रुपये प्रति लीटर है। इन कीमतों का सीधा असर लोगों की यात्रा के खर्च पर पड़ता है।
ईंधन की कीमतें कई कारणों से बदलती हैं। सबसे बड़ा कारण है दुनिया के बाजार में कच्चे तेल की कीमत। इसके अलावा, डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत, सरकारी कर और तेल कंपनियों का मुनाफा भी इसमें भूमिका निभाते हैं। 26 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 73 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर थी, जो इन कीमतों को प्रभावित करती है।
ईंधन की कीमतों में हर छोटा-बड़ा बदलाव आम आदमी की जेब पर सीधा असर डालता है। गैस महंगी होने से घर का खाना बनाना महंगा हो जाता है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से न सिर्फ यात्रा महंगी होती है, बल्कि सामान ढोने का खर्च बढ़ने से हर चीज की कीमत बढ़ जाती है। इससे महंगाई बढ़ती है और लोगों की जेब पर बोझ पड़ता है।
सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए कुछ कदम उठा रही है। उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जा रहा है। कुछ लोगों को गैस सिलेंडर पर सब्सिडी भी मिल रही है। कई राज्य सरकारों ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम किया है। लेकिन फिर भी, कीमतें आम आदमी के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं।
आने वाले समय में ईंधन की कीमतों का क्या रुख होगा, यह कहना मुश्किल है। यह काफी हद तक दुनिया के हालात, तेल उत्पादन और मांग पर निर्भर करेगा। अगर कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं, तो शायद बड़े बदलाव न हों। लेकिन इस पर नजर रखना जरूरी है।
इस स्थिति से निपटने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। जहां सरकार को कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए कदम उठाने चाहिए, वहीं हमें भी ईंधन की बचत के तरीके अपनाने चाहिए। जहां संभव हो, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें या साइकिल चलाएं। घर में गैस की बचत करें। छोटे-छोटे प्रयासों से हम इस चुनौती का सामना कर सकते हैं और अपनी जेब पर पड़ने वाले बोझ को कम कर सकते हैं।