दिल्ली की नवनियुक्त मुख्यमंत्री आतिशी ने राष्ट्रीय राजधानी के श्रमिकों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने विभिन्न श्रेणियों के श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन में वृद्धि की घोषणा की है, जो श्रमिक वर्ग के लिए एक महत्वपूर्ण तोहफा साबित होगा।
नए न्यूनतम वेतन दर
आतिशी सरकार ने अकुशल, अर्ध-कुशल और कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन में संशोधन किया है। नए वेतन दर के अनुसार:
- अकुशल श्रमिकों को अब न्यूनतम ₹18,066 प्रति माह मिलेगा।
- अर्ध-कुशल श्रमिकों के लिए नई सैलरी: ₹19,929 प्रति माह।
- कुशल श्रमिकों को ₹21,917 प्रति माह मिलेगा।
यह वृद्धि श्रमिकों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद करेगी।
आम आदमी पार्टी की नीति का विस्तार
मुख्यमंत्री आतिशी ने स्पष्ट किया कि यह वेतन नीति मूल रूप से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में शुरू की गई थी। उन्होंने इसे आम आदमी पार्टी (आप) के श्रमिक वर्ग को समर्थन देने के प्रयासों की आधारशिला बताया। यह कदम पार्टी की श्रमिक-हितैषी नीतियों का एक और उदाहरण है।
आतिशी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर “गरीब विरोधी” होने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी शासित राज्यों में न्यूनतम मजदूरी दिल्ली की तुलना में लगभग आधी है। यह तुलना दिल्ली सरकार की श्रमिक-केंद्रित नीतियों को उजागर करती है।
आतिशी ने पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि केजरीवाल सरकार ने न केवल अदालत के माध्यम से न्यूनतम मजदूरी लागू की, बल्कि बीजेपी के विरोध के बावजूद हर साल दो बार इसकी समीक्षा भी सुनिश्चित की। यह नियमित समीक्षा श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
आतिशी ने दिल्ली सरकार की अन्य उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने अच्छी बिजली, पानी, स्कूल और अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाओं के अलावा, पूरे देश में सबसे अधिक न्यूनतम मजदूरी प्रदान करने का ऐतिहासिक काम किया है। यह दिल्ली सरकार की जनहित में काम करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह ध्यान देने योग्य है कि आतिशी ने हाल ही में अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री का पद संभाला है। केजरीवाल ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले के मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अपना पद छोड़ दिया था।
इस प्रकार, दिल्ली सरकार का यह कदम श्रमिकों के कल्याण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और राज्य में श्रम कानूनों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।