उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने बिजली चोरी की समस्या से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण और नवीन पहल की है। कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (KESCO), जो UPPCL की एक सहायक कंपनी है, ने पुराने और खराब मीटरों को नष्ट करने की एक अनूठी योजना की घोषणा की है।
पिछले कुछ वर्षों में, यह देखा गया है कि पुराने मीटरों का दुरुपयोग करके बिजली की चोरी की जा रही थी। इस प्रथा में, कुछ बेईमान कर्मचारी और उपभोक्ता मिलकर उच्च रीडिंग वाले मीटरों को पुराने मीटरों से बदल देते थे, जिससे बिजली के वास्तविक उपयोग की कम रिपोर्टिंग होती थी। यह न केवल UPPCL को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहा था, बल्कि बिजली वितरण प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठा रहा था।
इस समस्या से निपटने के लिए, KESCO ने एक अभिनव समाधान प्रस्तुत किया है। कंपनी 10 लाख रुपये की लागत से एक विशेष श्रेडिंग मशीन खरीदने की प्रक्रिया में है। इस मशीन का उपयोग पुराने मीटरों को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने के लिए किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि इन मीटरों का फिर से उपयोग किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी के लिए न किया जा सके।
यह पहल उत्तर प्रदेश में अपनी तरह की पहली है, जिसमें KESCO एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इस प्रोजेक्ट की सफलता पर न केवल UPPCL, बल्कि पूरे भारत की अन्य बिजली वितरण कंपनियां भी नज़र रखेंगी। यदि यह प्रयास सफल रहता है, तो यह मॉडल अन्य राज्यों में भी अपनाया जा सकता है, जो देश भर में बिजली चोरी की समस्या से निपटने में मददगार साबित हो सकता है।
इस नई नीति को लागू करने का निर्णय 8 अप्रैल, 2022 को हुई एक घटना से प्रेरित है। उस दिन, अधिकारियों को दयानंद विहार में एक कबाड़ी की दुकान पर 150 पुराने मीटर मिले थे। जांच में पता चला कि ये मीटर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के बाद हटाए गए थे और फिर अवैध रूप से कबाड़ी को बेच दिए गए थे। इस घटना ने UPPCL को पुराने मीटरों के निपटान की प्रक्रिया पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया।
KESCO की यह पहल न केवल बिजली चोरी को रोकने में मदद करेगी, बल्कि यह बिजली वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वसनीयता भी बढ़ाएगी। इससे UPPCL को अपने राजस्व में वृद्धि करने और बेहतर सेवाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी। यदि सफल रहा, तो यह मॉडल भारत के अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है, जो अंततः देश की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक विकास में योगदान देगा।