दिल्ली सरकार द्वारा राशन वितरण प्रणाली में सुधार लाने का एक बड़ा कदम उठाया गया है। खाद्य और आपूर्ति विभाग द्वारा किए गए एक व्यापक सत्यापन के दौरान, लगभग 40,000 राशन कार्ड को रद्द कर दिया गया है। यह फैसला फर्जी राशन कार्डों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए लिया गया है।
फर्जी राशन कार्डों के खिलाफ अभियान
दिल्ली में वर्तमान में 19 लाख से अधिक राशन कार्ड धारक हैं, जिनके माध्यम से 71 लाख लोगों को राशन प्रदान किया जा रहा है। राशन कार्ड गरीब परिवारों को मुफ़्त राशन प्रदान करने के लिए जारी किए जाते हैं, लेकिन कई लोग फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से इन कार्डों को प्राप्त कर लेते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए, दिल्ली सरकार ने एक अभियान शुरू किया है, जिसके तहत अब तक 40,000 राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं।
राशन कार्धारकों द्वारा लंबे समय से राशन लेना बंद कर दिए जाने के कारण, बायोमैट्रिक सिस्टम की जांच शुरू की गई थी। इस प्रणाली में, राशन लेने वालों की पूरी जानकारी दर्ज की जाती है, जिससे राशन की चोरी में कमी आई है।
विभाग ने घर-घर जाकर उन लोगों की पहचान की, जिनके राशन कार्ड पर दर्ज पते सही नहीं थे। इनमें से कई लोग कोरोना महामारी के दौरान अपने गांवों में चले गए थे और वापस नहीं आए, जिससे उनके कार्ड रद्द कर दिए गए।
राशन वितरण में सुधार के लिए आगे की योजना
दिल्ली सरकार का खाद्य और आपूर्ति विभाग इस प्रक्रिया को आगे भी जारी रखने की योजना बना रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अपने राशन कार्ड के माध्यम से राशन लेते रहें ताकि किसी को असुविधा न हो।
इस कार्रवाई से न केवल फर्जी कार्डों पर लगाम लगेगी, बल्कि वास्तविक लाभार्थियों को भी राशन की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। गरीब परिवारों को मिलने वाले मुफ़्त राशन की सुविधा उन्हें मिलती रहेगी और उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी। फर्जी राशन कार्डों को रोकने के लिए कड़ाई से कार्रवाई करना, गरीब परिवारों को मिलने वाले मुफ़्त राशन की सुविधा को सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
इस अभियान से न केवल गरीबों को लाभ मिलेगा, बल्कि सरकारी तंत्र में भी सुधार आएगा। राशन वितरण के क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी, जिससे इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का लाभ वास्तव में गरीबों तक पहुंच पाएगा।